Friday, 17 February 2017

सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी हेतु एक सम्पूर्ण किताब : 'मुझे बनना है UPSC टॉपर' -द्वारा- निशान्त जैन



सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी हेतु एक सम्पूर्ण किताब :
'मुझे बनना है UPSC टॉपर' -द्वारा- निशान्त जैन
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प्रिय दोस्तों, उम्मीद है, आप हमेशा की तरह मस्त और व्यस्त होंगे। आखिर इंतज़ार की घड़ियाँ ख़त्म हुई। आपके लिए प्रस्तुत है मेरी ओर से नए साल 2017 का नया और अनूठा उपहार...
मेरी यह किताब -'मुझे बनना है UPSC टॉपर' अब उपलब्ध है। आप इस link पर क्लिक करके इस किताब को amazon पर online खरीद सकते हैं और अपने नज़दीकी बुक स्टॉल से भी। क़ीमत है मात्र 195 रूपए, जो Amazon पर मात्र 163 रुपए में उपलब्ध है। मुझे पूरा विश्वास है कि सिविल सेवा परीक्षा की सम्पूर्ण तैयारी से जुड़े हर पहलू को समेटती यह किताब अपने 18 अध्यायों के माध्यम से परीक्षा की तैयारी के कठिन सफर को आसान बनाने में हर मोड़ पर आपका साथ निभाएगी।
नए पैटर्न में, UPSC की सिविल सेवा परीक्षा में एथिक्स के पेपर में एक सवाल आया- 'आपके लिए सुख की परिभाषा क्या है?' मैंने लिखा- 'जोय ऑफ़ गिविंग' या देने का सुख, मदद करने का सुख। हम पूरी ज़िंदगी किसी न किसी रूप में किसी न किसी की निस्वार्थ भाव से मदद करते ही हैं। आपने भी की होगी। आपने महसूस किया होगा कि उस सुख से मिलने वाला आनंद कितना असीम और अनूठा होता है। जुलाई 2015 की गर्म दोपहर में जब UPSC का परिणाम आया और मुझे अपेक्षा से भी बेहतर सफलता मिली तो लगा कि मदद करने का सुख अब भरपूर मिलेगा। सिविल सेवाओं की ख़ूबी यही है कि ये जीवन के विविध क्षेत्रों में बेहतर काम का बड़ा प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती हैं और साथ ही कुछ अच्छा योगदान कर 'जॉय ऑफ़ गिविंग' का एक बेहतरीन अवसर तो देती ही हैं।
IAS की परीक्षा में श्रेष्ठ रैंक हासिल करना किसी भी युवा का स्वप्न हो सकता है, पर हर किसी के पास पर्याप्त साधन और संसाधन हों, ये ज़रूरी नहीं। सफलता की राह में कई अड़चनें या रुकावटें हो सकती हैं; किसी के लिए भाषा या मीडियम की वजह से, किसी के लिए ग्रामीण या क़स्बाई पृष्ठभूमि की वजह से तो किसी मामले मैं कमज़ोर सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के कारण। ऐसे में कभी कभी निराशा, अवसाद और उलझनें भी पनपने लगती हैं।
लाख टके का सवाल है कि क्या कोई ऐसा तरीक़ा है, जिससे हम अपनी निराशा से उबर कर, सकारात्मक सोच के साथ, 'अपनी लकीर बड़ी करते हुए' आगे बढ़ें और सफलता का स्वप्न साकार कर पाएँ। यह किताब दरअसल इसी दिशा में एक छोटा सा प्रयास है। साथ ही समय-समय पर प्राप्त होने वाले सवालों और शंकाओं-संदेहों के निराकरण की ईमानदार कोशिश भी।
साथ ही एक और बात भी इस किताब के सृजन से जुड़ी है। सिविल सेवा परीक्षा में चयन के बाद अनेक अवसरों पर युवाओं से संवाद के दौरान मैंने यह स्पष्ट तौर पर महसूस किया कि उन्हें नए पैटर्न की अपेक्षा के अनुरूप, परीक्षा की समग्र तैयारी के लिए एक सम्पूर्ण किताब की शिद्दत से ज़रूरत है। अभी परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए ऐसे कई अनिवार्य पहलू हैं, जिनके प्रति हम जागरूक नहीं हैं। साथ ही, अनजाने में हम बहुत सी ऐसी ग़लतियाँ कर बैठते हैं, जिन्हें सही मार्गदर्शन से सुधारा जा सकता था। साथ ही मैंने यह भी महसूस किया कि ऐसे तमाम युवा अभ्यर्थी हैं, जो बाहर जाकर तैयारी नहीं कर सकते। दूर-दराज़ के गाँवों-क़स्बों-शहरों में रहने वाले ऐसे साथियों के लिए ऐसी एक समग्र किताब एक बड़ी ज़रूरत बन गयी थी। और अगर ऐसी कोई किताब हिन्दी में हो, तो सोने पर सुहागा। हिन्दी में इस तरह की किताबों का ज़बरदस्त अकाल सा है। मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि मेरे लिए यह किताब एक 'दायित्व बोध' और 'कमिटमेंट' की तरह है।
मुझे लगता है कि इस किताब की एक और विशेषता इसे ख़ास बनाती है। यह है- इसकी सबके लिए अनुकूलता। यह किताब ऐसे युवा साथियों के लिए तो ज़रूरी है ही, जो सिविल सेवा अधिकारी बनने का सपना सभी रहे हैं, साथ ही इसमें ऐसे साथियों के लिए भी बहुत सामग्री है, जो पिछले कुछ समय से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं पर सकारात्मक परिणाम नहीं ला पास रहे हैं। कुल मिलकर 18 अध्यायों की यह छोटी मगर कारगर किताब आपकी तैयारी के नज़रिए में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।
एक सवाल यह भी हो सकता है कि इस किताब का नाम 'मुझे बनना है UPSC टॉपर' ही क्यों रखा गया। दरअसल, यह किताब संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा की समग्र तैयारी को समर्पित है। पर किताब का यह नाम रखने का एक सहज कारण था। दरअसल जितने भी युवा अभ्यर्थी इस प्रतिष्ठित परीक्षा की तैयारी करते हैं, उनमें से ज़्यादातर के मन में श्रेष्ठ रैंक लाकर UPSC टॉपर बनने का एक सपना छिपा होता है और होना भी चाहिए। मेरे मन में भी कहीं यह ख़्वाब था कि मैं अच्छी रैंक लाऊँ। संयोग से मुझे अच्छी रैंक मिल भी गयी। पर टॉपर्स में ऐसा क्या होता है, जो उन्हें टॉपर बनाता है। मैं ऐसे ही कुछ बेहद महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान देते हुए सम्पूर्ण तैयारी का तरीक़ा साझा करना चाहता था। हालाँकि यह भी ध्यान रखें, कि टॉपर बनना या रैंक लाना या सिविल सेवक बनना ही सब कुछ नहीं है। तनावमुक्त और प्रसन्नचित्त रहते हुए एक सार्थक क्वालिटी लाइफ़ बिताना जीवन में ज़्यादा महत्वपूर्ण है और होना भी चाहिए।
यूपीएससी और राज्य लोक सेवा आयोगों की सिविल सेवा परीक्षाओं की प्रकृति कुछ ऐसी है कि इसमें समग्र दृष्टिकोण, इंटिग्रेटेड एप्रोच, लेखन कौशल, मोटिवेशन लेवल और व्यक्तित्व निर्माण के बग़ैर अंतिम रूप से सफलता मिलना बेहद मुश्किल हो जाता है। इस किताब में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के उद्देश्य और रणनीति से लेकर ऐसे तमाम अनछुए पहलुओं को शामिल करने की कोशिश की गयी है। शायद यही बात इस किताब को सबसे अलग और विशिष्ट बनाती है।
मेरे इस प्रयास से यदि एक भी अभ्यर्थी को थोड़ा सा भी फ़ायदा हुआ या कुछ भी आत्मविश्वास बढ़ा, तो मैं ख़ुद को कृतार्थ समझूँगा। इस अपील के साथ कि हमेशा बड़ा सपना देखें, बड़ी सोच और बड़े जज़्बे के साथ, ये ध्यान रखते हुए कि मुझे अपनी लकीर बड़ी करते हुए ख़ुद को साबित करना है।
मुझे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रेरणा और साहस देने के लिए आप सब साथियों का हृदय से आभार!
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1 comment:

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