Saturday 12 September 2015

प्रारम्भिक परीक्षा के बाद …

प्रिय दोस्तों, आशा है आप सब व्यस्त और मस्त होंगे। कई दिनों के अंतराल के बाद मैं फिर हाज़िर हूँ। दरसअल इस हफ़्ते से लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में मेरी ट्रेनिंग शुरू हो गयी है। अत्यधिक व्यस्त शेड्यूल के कारण आपसे मुखातिब नहीं हो पाया। निश्चिन्त रहें, और अगर फायदे में रहना है तो प्रारम्भिक परीक्षा के परिणाम का इंतज़ार बगैर मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुट जाएँ। कुछ बातें आपके लिए-
1. बहुत हुई मस्ती, और answer key की अटकलें, अब जुट जाइए पूरी एकाग्रता से।
2. जिन्हें अगले साल अगस्त में प्रारम्भिक परीक्षा देनी है, उनके लिए मुख्य परीक्षा की तैयारी का यह सबसे बेहतर समय है। अतः इस साल मुख्य परीक्षा दे रहे मित्रों की तरह ही अभी मुख्य परीक्षा पर फोकस कर सकते हैं।
3. मुख्य परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए दो काम अपरिहार्य हैं: एक लेखन कौशल का विकास और दूसरा रिवीजन।
4. साथ ही 2015 जनवरी से दिसंबर के समसामयिक घटनाक्रम को ढंग से समझ लें और सामान्य अध्ययन को अपडेट करने की कोशिश करें।
5. निबंध लेखन और एथिक्स की केस स्टडी, इन दोनों को अनदेखा न करें। कोशिश करें कि हफ्ते में एक बार इनका अभ्यास करते रहे।
6. एक डायरी बनाकर यह लिखना शुरू करें कि आज कौन सा टॉपिक पढ़ा और कहाँ से पढ़ा। परीक्षा के दिनों में यह काम आएगा।
7. वैकल्पिक विषय में अच्छा प्रदर्शन आपकी सफलता को काफी सरल बना सकता है , लिहाज़ा कोशिश करें कि अभी से लेकर दिसंबर में मुख्य परीक्षा तक अपने विषय को निरंतर समय देते रहें, और उसे रिवाइज करते रहें।
8. और हाँ, एक और बात, सबका पढ़ाई और तैयारी का ढंग और रणनीति अलग-अलग होता है, अतः किसी दोस्त से अत्यधिक प्रभावित होकर तनाव न लें।
मुझे हरिवंश राय बच्चन जी की चार पंक्तियाँ याद आ रही हैं:
"मदिरालय जाने को घर से चलता है पीने वाला,
किस पथ पर जाऊं, असमंजस में है वह भोला-भाला,
अलग-अलग पथ बतलाते सब, पर मैं यह बतलाता हूँ,
राह पकड़ तू एक चला-चल, पा जायेगा मधुशाला। "
अभी इतना ही, मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।