नए साल के नए संकल्प...
New Year Resolutions....
जिस तरह हर नई सुबह पिछले दिन के तनावों और अवसादों से मुक्त एक नई शुरुआत की उम्मीद लेकर आती है, उसी तरह नया साल भी ख़ुद में नई ऊर्जा, नई उम्मीदों और नई आकांक्षाओं को समेटे हुए आता है।
अख़बार-टी.वी.-सोशल मीडिया, सब ओर न्यू ईयर रिज़ोल्यूशन की बाढ़ आ जाती है। हम भी इसी उत्साह में कुछ पुरानी आदतों से छुटकारा पाने और नई आदतों को गले लगाने का संकल्प करते हैं, ताकि हम भी इस नए साल में किसी से पीछे न छूट जाएँ। साथ ही, ये संकल्प करते वक़्त ऐसा लगता है कि हम नए साल के पहले दिन से ही यकायक इन सारे नए संकल्पों का अक्षरश: पालन करना शुरू कर देंगे। यह उम्मीद तो होती है, कि नए साल में पुरानी पीड़ाओं और मुसीबतों से छुटकारा मिलेगा, और जीवन में सफलता व ख़ुशियों का नव उत्कर्ष भी होगा।
किसी कवि ने नए वर्ष पर बहुत ख़ूब लिखा भी-
"'सुखों की कल्पनाएँ हैं, सृजन के गीत लाए हैं,
तुम्हारे वास्ते मन में, बहुत शुभकामनाएँ हैं,
तुम्हारी ज़िन्दगी में कल न कोई पल घटे ऐसा,
उदासी में जो पल पिछले दिनों तुमने बिताए हैं।''
क्या कभी आपने यह भी सोचा है कि पिछले साल नववर्ष के अवसर पर आपने जो संकल्प (resolutions) लिए थे, उनकी प्रगति रिपोर्ट क्या है? मतलब उनमें से कितने संकल्प व्यवहार में परिणत हुए और कितने ठंडे बस्ते में चले गए। जिस तरह रेल बजट में हर साल नई-नई रेलगाड़ियों की घोषणा की ही तरह, पिछले बजटों में घोषित रेलगाड़ियों का समयबद्ध संचालन भी ज़रूरी है; उसी तरह नए साल पर नए संकल्प संजोने के साथ-साथ पुराने सालों के पुराने से पड़ गए संकल्पों को व्यावहारिक धरातल पर उतरना भी। बशर्ते वे पुराने संकल्प अब भी काम के हों और प्रासंगिक भी हों।
चाहे आप पुराने संकल्प व्यवहार में उतार पाएँ या नहीं, पर फिर भी नया वर्ष नए संकल्पों का उत्साह साथ लाता ही है। लिहाज़ा नए साल में नए संकल्पों के बारे में सोचना बेहद स्वाभाविक भी है और आपकी जीवंतता का प्रतीक भी। मैं भी पिछले कई सालों से न्यू ईयर रेजोल्यूशन लेता रहा हूँ और इस बार भी लूँगा। अंतर बस इतना ही होता है, कि हर साल हमारी प्राथमिकतायें और ज़रूरतें बदलती जाती हैं।
आइए, बात करते हैं 10 ऐसे संकल्पों की, जो हर युवा अभ्यर्थी के लिए प्रेरक हो सकते हैं, और जिन्हें व्यवहार में उतारना ज़्यादा मुश्किल भी नहीं है:-
- जीवन में 'निरंतरता' को अपनाने की कोशिश करें। कोई अच्छा काम या अच्छी आदत शुरू करके उसे जारी रखना भी सीखें।
- हल्की सी मुस्कान हमेशा बनाए रखें। इससे आपको मुसीबत का सामना करने और नित आगे बढ़ते जाने में मदद मिलेगी। 'Never Never Never Give up'
- आज की ख़ुशी को आज ही enjoy करना सीखें। ख़ुशियों को कल पर न टालें। वर्तमान में जीने की आदत डालें, अतीत से सीखते रहें और भविष्य की दिशा में क़दम बढ़ाते जाएँ।
- छोटे-छोटे लक्ष्य बनाए और उनके पूरा होने पर मिलने वाली ख़ुशियों को महसूस करें। इन छोटी-छोटी ख़ुशियों को सेलिब्रेट करना न भूलें।
- नए साल में दूसरों के विचारों का सम्मान करने की आदत विकसित करें। 'अनेकांतवाद' से उपजे धैर्य और सहिष्णुता जैसे गुण आपके व्यक्तित्व की मेच्योरिटी को बढ़ाएँगे। विचारों की अति (extreme) से बचते हुए 'मध्यम मार्ग' अपनाएँ।
- भरपूर पुरुषार्थ करें पर फल (परिणाम) को लेकर बहुत ज़्यादा चिंतित न हों। नतीजों में आसक्त (attach) न होकर 'निष्काम कर्मयोग' को विकसित करने का अभ्यास करें।
- नए दोस्त बनाएँ पर पुराने रिश्तों को भी निभाना सीखें। 'लाख मुश्किल ज़माने में है, रिश्ता तो बस निभाने में है।' परिवार और दोस्तों के साथ 'क्वालिटी टाइम' बिताएँ।
- एक-दूसरे के काम आएँ और परस्पर सहयोग की आदत विकसित करें। तत्वार्थ सूत्र में लिखा भी है- 'परस्परोपग्रहो जीवानाम'
- कोशिश करें कि किसी ज़रूरतमंद की मदद कर पाएँ। 'Joy of Giving' यानी देने के सुख का कोई मुक़ाबला नहीं है। किसी के चेहरे पर मुस्कान लाने पर आपको जो संतोष मिलेगा, वह अतुल्य है। मिसाल के तौर पर, वक़्त मिलने पर वंचित बच्चों को पढ़ाना उनके जीवन में बदलाव ला सकता है।
- अपनी रूचियों/शौक़/ हॉबीज़ को जिएँ। हमेशा कुछ नया सीखने की ललक बनाए रखें। सीखने में हिचकिचाएँ नहीं और श्रेष्ठ विचारों को सभी दिशाओं से आने दें। ऋग्वेद में लिखा भी है- 'आ नो भद्रा क्रतवो यंतु विश्वत:।'
ये उपर्युक्त दस संकल्प रातोंरात विकसित नहीं होंगे। मैं भी निरंतर इनका अभ्यास करता हूँ। आप भी इन्हें प्रैक्टिस में लाएँ, फिर देखिए, आपका जीवन कितना ऊर्जावान, सुखमय और सहज होता जाएगा।
अंत में इसी सकारात्मकता से भरपूर मेरी एक कविता, जो UPSC परीक्षा की तैयारी के दिनों में मैंने नववर्ष की पूर्व संध्या पर लिखी थी:-
सकारात्मक सोच -
सकारात्मक सोच संग उत्साह और उल्लास लिए,
जीतेंगे हर हारी बाज़ी, मन में यह विश्वास लिए।
ऊहापोह-अटकलें-उलझनें, अवसादों का कर अवसान,
हों बाधाएं कितनी पथ में, चेहरों पर बस हो मुस्कान।
अंतर्मन में भरी हो ऊर्जा, नई शक्ति का हो संचार,
डटकर, चुनौतियों से लड़कर, जीतेंगे सारा संसार।
लें संकल्प सृजन का मन में, उम्मीदों से हो भरपूर,
धुन के पक्के उस राही से, मंज़िल है फिर कितनी दूर।
जगें ज्ञान और प्रेम धरा पर, गूंजे कुछ ऐसा सन्देश,
नई चेतना से जागृत हो, सुप्त पड़ा यह मेरा देश।
आप सबको नववर्ष 2017 की ढेर सारी मंगल शुभकामनाएँ!!!
Happy New Year🌾🍃🌲☘🎈🎉✨🎁
Thanks sir I also want to become an IAS
ReplyDeleteVISHAL Kumar
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