'उड़ता पंजाब' जैसी यथार्थपरक मूवीज़ बोलीवुड में कम ही दिखती हैं। हद दर्जे के नशे की बदौलत बर्बाद होती एक पूरी पीढ़ी की दर्दनाक दास्ताँ को इस मूवी में बड़ी बेबाक़ी से उकेरा गया है। ड्रग्स के शिकंजे का आलम यह है कि जेल में कुछ ऐसे बच्चे भी बंदी हैं जो नशे के लिए पैसे न देने पर अपनी माँ का ख़ून तक करने में नहीं हिचके। 'नार्को टेरर' के शिकंजे में जकड़ती जवानी और उसके स्वाभाविक प्रभावों का बख़ूबी चित्रण है इस मूवी में। टोमी सिंह जैसों का यूथ आइकन के रूप में स्थापित होना ही समाज का विद्रूप दर्शाता है। एक बुज़ुर्ग का यह संवाद 'अब चाय पीता कौन है?', सचमुच भयावह स्थिति पर करारा व्यंग्य है।
बिहार से आयी एक मज़दूर युवती की बेबसी भरी कहानी फ़िल्म में समांतर रूप से चलती है, जिसके जीवन में 'प्यार को छोड़कर सब कुछ हुआ है'। फिर भी अपनी कालकोठरी की खिड़की से गोवा होलिडेज़ का पोस्टर देखकर सुनहरे कल की उम्मीद में सब ज़ुल्म-सितम सह जाने वाली युवती की जिजीविषा की दाद देनी होगी। इस सबके बावजूद निःस्वार्थ प्रेम कभी भी और कहीं भी पनप सकता है।
दूसरी ओर एक छोटे पुलिस अधिकारी और एक लेडी डाक्टर का ड्रग्स के ख़तरनाक नेक्सस को बेनक़ाब करने का प्रयास करने को मजबूर होना समस्या की सघनता को दर्शाने के लिए काफ़ी है।
तमाम विवादों के बावजूद फ़िल्म सशक्त है पर अनावश्यक गालियों से बचा जा सकता था। अभिनय का जवाब नहीं। आलिया भट्ट और शाहिद कपूर दोनों ही अपनी स्थापित छवियों के बरक़्स नए अवतार में सामने आए हैं। पंजाबी अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने भी प्रभावित किया है। फ़िल्म से एक साधारण सी मगर बड़ी सीख मिलती है - 'नशा जीवन की सारी सुंदरताओं को नष्ट कर देता है'
Sri man ji hame ye bataye ki polity history geography economics bar bar pathne par bhi yad nahi rahata hai.
ReplyDeleteKya inko yad kar le line to line jaisa book me likha hai ya phir koi aur tarika hai aur kis writer ki kitab Ko yad kare . Kripa kar post kare above mentioned book.
Sri man ji hame ye bataye ki polity history geography economics bar bar pathne par bhi yad nahi rahata hai.
ReplyDeleteKya inko yad kar le line to line jaisa book me likha hai ya phir koi aur tarika hai aur kis writer ki kitab Ko yad kare . Kripa kar post kare above mentioned book.
आपने बहुत ही सहजता से पूरी कहानी का चित्रण किया और आपकी लेखन शेली प्रसन्नता करने योग्य है ..
ReplyDeleteसर मैने कल movie देखी सर मै पुरी तरह से हील गया।
ReplyDeleteइस पाप को मिटाने के लिए बहुत जोरदार प्रयास की आवश्यकता है।