Monday, 28 August 2017

हम सबके प्रेमचंद ... Our Premchand

हम सबके प्रेमचंद ... Our Premchand
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ने अपना doodle आज हिंदी-उर्दू के मशहूर लेखक-कथाकार मुंशी प्रेमचंद को समर्पित किया। जब भी प्रेमचंद का नाम मेरे ज़ेहन में आता है तो मैं यह सोचकर विषय से भर जाता हूँ कि एक इंसान को लोक जीवन के विविध पक्षों, परेशानियों और मन की भीतरी परतों की इतनी गहरी समझ कैसे हो सकती है। उस पर शिल्प का जादू देखिए, सीधी-सादी सरल भाषा और लोकप्रचलित मुहावरों कहावतों के प्रयोग से पढ़ने वाले के मन तक दस्तक दे सकने की कूवत प्रेमचंद के पास थी।


'पूस की रात', 'ईदगाह' 'पंच परमेश्वर' जैसी कालजयी कहानियाँ हों या, गोदान जैसा महाकाव्यात्मक उपन्यास; प्रेमचंद की कहानी कला और ग्रामीण जीवन पर ज़बरदस्त पकड़ का कोई और उदाहरण ढूँढना मुश्किल है।प्रेमचंद की शुरुआती रचनाएँ उर्दू में हैं तो बाद की हिन्दी में। कहा जाता है, कि ग्रामीण जीवन को समझना है तो प्रेमचंद के उपन्यासों का आस्वादन ज़रूरी है। आज भी किसान के दुःख-दर्द और विडंबनाओं के बीच उसके जीवट को समझने के लिए प्रेमचंद का साहित्य बेहद प्रामाणिक माना जाता है।
हमारे जैसी तमाम पीढ़ियों को ज़िंदगी की तमाम व्यावहारिक जटिलताओं और लोक जीवन के संघर्षमयी सौन्दर्य से रु--रु कराने वाले हम सबके प्रिय लेखक प्रेमचंद को उनके जन्मदिन पर नमन.....

2 comments:

  1. Sir kya hindi medium ke students political science optional me acha score kar sakte hai

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