हिन्दी साहित्य मेरा पसंदीदा विषय है। इसे पढ़कर मुझे अजीब सा सुकून मिलता है। सिविल सेवा परीक्षा के वैकल्पिक विषयों की सूची में भी हिन्दी साहित्य अभ्यर्थियों का एक पसंदीदा विषय है। हिंदी माध्यम के छात्रों का इस विषय की ओर सहज रुझान रहा है। इस विषय की लोकप्रियता का कारण इसका रुचिकर होने के साथ-साथ अंकदायी होना भी है। इस विषय में मुझे सौभाग्य से इस साल 313 अंक मिले हैं, जो संभवतः सर्वाधिक हैं। बहरहाल, आइये, बात करते हैं हिन्दी साहित्य को वैकल्पिक विषय के रूप में लेने वालों के लिए, बेहतर प्रदर्शन के कुछ जरुरी बिन्दुओं की :
1. सबसे पहली बात यह है कि व्याकरणिक अशुद्धियों से बचें और सहज व सरल भाषा का प्रयोग करें।
2. पाठ्यक्रम में निर्धारित सभी पुस्तकों को पढ़ जरूर लें, ताकि व्याख्या करते समय सही सन्दर्भ लिख सकें।
3. अच्छे अंक पाने के लिए व्याख्या खंड में सही सन्दर्भ पहचानना बेहद ज़रूरी है। पद्य खंड में सन्दर्भ पहचानना आसान होता है और व्याख्या करना कठिन। जबकि गद्य खंड में सन्दर्भ पहचानना कठिन होता है और व्याख्या करना आसान।
4. कोशिश करें कि प्रथम प्रश्नपत्र को ठीक से पढ़ और समझ लें। यदि आपको साहित्य का इतिहास ठीक से पता होगा तो द्वितीय प्रश्नपत्र में काफी मदद मिलेगी।
5. पूरे पाठ्यक्रम को एक बार पढ़ जरूर लें ताकि सब लेखकों और उनकी निर्धारित रचनाओं के बारे में आपको बेसिक जानकारी जरूर हो, ताकि मुश्किल वक़्त में उसका प्रयोग कर पाएं।
6. कोशिश करें कि प्रश्नपत्र को क्रमवार हल करते चलें। क्योंकि परीक्षक भी उसी क्रम में कॉपी जांचेंगे।
7. हिन्दी के पेपर में जीएस की तरह वक़्त की उतनी कमी नहीं होती, अतः पूरा प्रश्नपत्र हल करने का प्रयास करें।
8. चूँकि अब प्रश्नों की संख्या ज़्यादा होती है और शब्दसीमा कम, इसलिए पूरे पाठ्यक्रम की थोड़ी-थोड़ी जानकारी और समझ अवश्य रखें। हर टॉपिक को संक्षेप में तैयार कर लें।
9. अब सिर्फ एक महीना बचा है, इसलिए अनावश्यक विस्तार से बचते हुए पूरे पाठ्यक्रम को संक्षेप में दोहरा लें।
10. विभिन्न लेखकों और कवियों के कथन और काव्य पंक्तियाँ विशेषकर द्वितीय प्रश्नपत्र में विशेष महत्त्व रखती हैं। उदाहरण देने से आपके कथन और तर्कों की पुष्टि हो जाती है। इसलिए प्रसंग के अनुरूप उदाहरण लिखने में हिचकिचाएं नहीं। पर ध्यान दें, उदाहरण प्रासंगिक और संगत लगने चाहिएं, ऊपर से थोपे हुए नहीं।
11. आपने इन कोटेशन्स को जहां भी नोट किया है, वहां से इन्हें निरंतर दोहराते रहें। पर साथ ही हर पंक्ति के साथ उसका प्रसंग या प्रतिपाद्य जरूर लिख लें। मसलन, कबीर की भाषा के बारे में लिखते हुए 'संस्किरत है कूप जल, भाखा बहता नीर' लिख सकते हैं। 'काहे री नलनी, तू कुम्हिलानी' से कबीर के दर्शन और रहस्यवाद को जोड़ लें। 'किलकत कान्ह घुटरुवनि आवत' सूर के वात्सल्य का अच्छा उदाहरण है। 'समन्वय उनका करे समस्त, विजयिनी मानवता हो जाय', कामायनी के समरसता के दर्शन को प्रतिपादित करती हैं।
12. भाषा खंड को लेकर अभ्यर्थियों में एक अजीब सा भय रहता है। दरअसल यह खंड कम मेहनत में अधिक अंक देता है। इसकी सभी यूनिट्स को संक्षेप में तैयार कर लें। मसलन पाली, प्राकृत और अपभ्रंश में से प्रत्येक की अगर आपको 6-7 विशेषतायें पता हैं तो इतना काफी है। राजभाषा, राष्ट्रभाषा, संपर्क भाषा को ठीक से तैयार करना बेहतर विकल्प है।
13. यदि मैं अपनी बात करूँ, तो मुझे प्रथम प्रश्नपत्र में भाषा खंड और द्वितीय प्रश्नपत्र में काव्य खंड अधिक प्रिय हैं। और मैंने इन्हीं से अधिक प्रश्न हल किये थे।
14. हिंदी साहित्य के उत्तर पैराग्राफ में ही लिखें, बिन्दुवार नहीं।
15. सहज और सरल भाषा का प्रयोग बेहतर है, पर ज़रूरत पड़ने पर साहित्यिक शब्दावली का प्रयोग करते रहें।